गुरुवार, 12 मार्च 2015

डिस्टेंस एजुकेशन स्टडी एट होम


डिस्टेंस कोर्सलगाए कैरियर में सौपान!

कुलदीप तोमर
दैनिक हरीभूमि में प्रकाशित
प्रतिस्पर्धा भरें इस दौर में युवा वर्ग को अपने भविष्य के प्रति चिंता करना लाजमी है। ऐसे में युवा वर्ग को नित नई विकसित हो रही  टेक्नोलॉजी और उनसे जुडे प्रोफेशनल कोर्स से रूबरू कराने के लिए आज के समय में डिस्टेंस एजुकेशनयानि दुरस्थ शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है। आईये जाने कैसेडिस्टेंस एजुकेशन या दुरस्थ शिक्षा से किए गए कोर्स लगा सकते हैं हमारे कैरियर में सौपान-

क्या है डिस्टेंस एजुकेशन
आपने हिन्दी फिल्मों में एख किरदार अक्सर देखा होगा जिसमें एक नौजवान जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने का प्रयास करता है। अपनी शिक्षा पर खर्च होने वाले खर्च को वहन करने के लिए वह पार्टटाइम नौकरी की तलाश करता है। दिन में पढ़ाई और रात में पार्टटाइम नौकरी। मगर अब वक्त बदल चुका है। अब जमाना डिस्टेंस एजुकेशन का है। डिस्टेंस एजुकेशन यानि घर बैठे पढ़ाई। इस हम यूं भी कह सकते है कि कोई भी काम करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का माध्यम है डिस्टेंसएजुकेशन। पढ़ाई के परंपरागत तरीकों से हटकर पीछले लगभग दो दशकों से दुरस्थ शिक्षा ने नई बुलंदियों को छुआ है। आज के दौर में शैक्षिक योग्यता के अलावा प्रोफेशनल स्किल्स वाले लोगों को प्राइवेट सेक्टर में तवज्जो दी जाती है। ऐसे में नौकरीपेशा वर्ग डिस्टेंस एजुकेशन के सहारे ही अपनी उच्च शिक्षा और प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई करते हैं। वर्तमान समय में देश के हर छोटे-बड़े शहर और कस्बों में डिस्टेंस एजुकेशनके केन्द्र खुले हुए है। जहां से युवा वर्ग के अलावा हर उम्र के लोग उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने कैरियर में चार चांद लगाने में जुटे हुए है। देशभर में 14 ओपन और लगभग 9 दर्जन से अधिक रेगुलर विश्वविद्यालय ऐसे है जो डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अनेक स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्सों के अलावा प्रोफेशनल डिप्लोमा और डिग्रियों की पढ़ाई कराते हैं।

कम समय में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा लेने का अवसर
एक अनुमान के मुताबिक डिस्टेंस लर्निंग के शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों में से 70 फीसदी नौकरी-पेशा वर्ग से जुडे होते है। यानि की इन लोगों के पास पढ़ाई का समय इतना नही है कि ये लोग रेगुलर कोर्स कर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। वहीडिस्टेंस लर्निंग में युवा वर्ग एक समय में एक से अधिक कोर्स में भी दाखिला ले सकता है। ऐसे छात्र-छात्राएं भी देखने को मिलते हैं जो अपने भविष्य को चमकने के लिए रेगुलर कोर्स के अलावा डिस्टेंस एजुकेशन से भी किसी ना किसी कोर्स में एडमिशन लेते हैं। इसके अलावा डिस्टेंस एजुकेशन से पढ़ाई करने वालों के लिए आयु की भी कोई बाध्यता नही है। किसी भी उम्र के लोग यहां से पढ़ाई कर सकते हैं। वास्तव मेंडिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा लेने के अवसर आज के समय में हर वर्ग के सामने है।


हर वर्ग की पंसद डिस्टेंस एजुकेशन
डिस्टेंस एजुकेशन से हर वर्ग को फायदा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए भी यह किसी वरदान से कम नही है। भारतीय रीति-रिवाजों और रूढियों के चलते महिलाएं उच्च शिक्षा से महरूम रह जाती थी। मगर डिस्टेंस एजुकेशन से महिलाएं घर बैठे अपनी उच्च शिक्षा पूरी कर सकती है। यही नही,उम्र की कोई बाध्यता नही होने के चलते उम्रदराज व्यक्तियों के लिए भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए डिस्टेंसएजुकेशन एक बेहतर विकल्प है। विकलांग लोगों के सपनों को भी दुरस्थ शिक्षा से बल मिला है। इन लोगों के लिए रेगुलर कोर्स करना काफी मुश्किल होता हैमगर डिस्टेंस एजुकेशन से यह वर्ग भी अपनी तमन्नाएं पूरी कर सकते हैं।

कैसे-कैसे कोर्स बाजार में उपलब्ध
वर्तमान समय में शायद ही ऐसा कोई कोर्स हो जो रेगुलर पढ़ाई कर ही किया जा सकें और डिस्टेंस एजुकेशन से ना किया जा सकें। इसके इतर सभी रेगुलर कोर्स तो आप डिस्टेंसएजुकेशन से कर ही सकते है इसके साथ ही अनेक प्रोफेशनल कोर्स भी डिस्टेंस एजुकेशन के अंतर्गत उपलब्ध है। विज्ञान,कला,कॉमर्स तीनों संकाय में बहुत सारे विकल्प उपलब्ध है। डिस्टेंस एजुकेशन में एकेडमिक कोर्स की भी भरमार है। देश की सबसे बड़े ओपन विश्वविद्यालय  इग्नू की बात करें तो यहां 80 से ज्यादा एकेडमिक और प्रोफेशनल कोर्स उपलब्ध है। इसके अलावा लगभग 4 दर्जन वोकेशनल कोर्स भी इग्नू द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। इनके अलावा अपने सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध है।

कहां से करें डिस्टेंस कोर्स
डिस्टेंस एजुकेशन मुहैया कराने के मामले में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत में 6 तरीकों के संस्थान दुरस्थ शिक्षा दे रहे हैं। जिनमें राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालयराज्य मुक्त विश्वविद्यालयदूरस्थ शिक्षा संस्थानों (डीईआई)डिम्ड विश्वविद्यालयनिजी विश्वविद्यालयसरकारी संस्थान शामिल है। इनमें से किसी भी संस्थान या विश्वविद्यालय से आपडिस्टेंस एजुकेशन प्राप्त कर सकते हैं। विभिन्न कोर्स के लिए इग्नू समेत अंधिकाश संस्थानों में एक साल में दो बार प्रवेश प्रक्रिया चलाई जाती है। सालभर में जुलाई और दिसंबर में अलग-अलग कोर्स के लिए अधिंकाश संस्थानों में प्रवेश लिया जा सकता है। इस संबंध में अधिक जानकारी से लिए संबंधित विवि की वेबसाइट पर भी संपर्क किया जा सकता है।

क्या है डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो
यह यूजीसी के अंतर्गत कार्य करने वाला एक संगठन है। पहले इसे दुरस्थ शिक्षा परिषद (डिस्टेंस एजूकेशन काउंसिल) भी कहा जाता था। मगर तब ये इग्नू के प्राधिकरणों में से एक प्राधिकरण था। दूरस्थ शिक्षा की लोकप्रियता के कारण सरकार ने इस परिषद की स्थापा राष्ट्रीय मुक्त विवि एक्ट के तहत की थी। वर्तमान में डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो यूजीसी के अंतर्गत है। डीईबी देश में मुक्त और डिस्टेंस एजुकेशन संस्थानों को तकनीकी और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है। दुरस्थ शिक्षा ब्यूरो देशभर के सभी मुक्त शिक्षा संस्थानों के बीच समन्वयन का कार्य भी करता है।

कैसे बचे फेक विश्वविद्यालयों से
डिस्टेंस एजुकेशन के बढ़ते क्रेज के चलते इस क्षेत्र में अनेक फेक संस्थान भी सक्रिय है। ऐसे में डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अपने कैरियर सवांरने का ख्वाब देख रहे लोगों को इनसे बचने लिए सतर्क रहना अति आवश्यक है। यदि आप किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान से डिस्टेंस एजुकेशनलेना चाहते है तो सबसे पहले यह जांच ले कि जिस संस्थान में एडमिशन लेना चाहते है वह विश्वविद्यालय या संस्थानडिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो से मान्यता प्राप्त है या नही। हमेशा डीईबी से मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से भी कोर्स करें। इसके अलावा यह भी जांच ले कि उक्त विश्वविद्यालय या संस्थान नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल से भी मान्यता प्राप्त है या नही।

इंटरव्यू
प्रो.सुभाष धुलिया
कुलपतिउत्तराखंड ओपन विश्वविद्यालय

1.  आज के समय में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए दूरस्थ शिक्षा कितनी कारगार साबित हुई है?
उ.- वर्तमान समय में डिस्टेंस एजुकेशन ने भारत में शिक्षा को एक नए मुकाम पर पंहुचाया है। पहले अधिकांश लोग उच्च शिक्षा से महरूम रह जाते थे। मगर अब डिस्टेंस एजुकेशन से हर वर्ग के लोग उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। वही नौकरी करने वाले करोड़ों युवा भी डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अपनी उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं। देश के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग भी अब डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सक्षम हैं। बीते लगभग एक दशक में भारतीय उच्च शिक्षा के मामले काफी आगे निकल चुके है और यह सब डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से ही मुमकिन हो पाया है।

 2.  डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने वाले लोगों का रूझान अधिकांश किन कोर्सों की ओर होता है?
उत्तर:-डिस्टेंस एजुकेशन से उन कोर्स की मांग ज्यादा रहती है जो रोजगारपरक हो। आज डिस्टेंस एजुकेशन में एजुकेशन से संबंधित कोर्स जैसे बीएड,एमएड की मांग भी बहुत ज्यादा है। इसके अलावा मैनेजमेंट कोर्स और सांइस कोर्स की डिमांड भी काफी रहती है। ग्रैजुएट और पीजी लेवल के कोर्स की मांग भी अत्याधिक है।

3. डिस्टेंस एजुकेशन से माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रोजगार के अवसर किस हद तक छात्रों के सामने रहते हैक्या रेगुलर कोर्स के मुकाबले ही डिस्टेंस एजुकेशन के कोर्सों को आंका जाता है?
उत्तर:-यूजीसी ने सरकुलर जारी कर ये साफ कर दिया है कि रेगुलर कोर्स और डिस्टेंस कोर्स द्वारा प्राप्त डिग्रियां बराबर है। इसलिए अब डिस्टेंस कोर्स की मान्यता रेगुलर कोर्स के मुकाबले ही है। इसके इतर,रोजगार युवा वर्ग भी डिस्टेंस कोर्स कर अपनी उच्च शिक्षा बढ़ाने में सफल है।

4. रेगुलर कोर्स के मुकाबले दूरस्थ शिक्षा कितनी सस्ती है?
उत्तर:-डिस्टेंस एजुकेशन का उद्देश्य ही यह है कि अधिक से अधिक दूरदराज के इलाकों में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा पंहुच सकें। रेगुलर कोर्स करने के लिए जहां भारी भरकम आर्थिक भार पड़ता है वही डिस्टेंस एजुकेशन में फीस भी नाममात्र है। जो कोर्स रेगुलर करने पर 40-50 हजार के बीच में पड़ता हैवह डिस्टेंस एजुकेशन से करने वाले कोर्स नाममात्र शुल्क अदा करने पर किये जा सकते हैं। इसके अलावा घर पर बैठकर पढ़ाई करने से अतिरिक्त व्यय भी शून्य के बराबर रहता है।

5. डिस्टेंस एजुकेशन के क्षेत्र में आजकल कई फेक विश्वविद्यालय और इंस्टिट्यूट भी सक्रिय है। छात्र इन फेक संस्थानों से कैसे बचें?
उत्तर:-आजकल कुकुरमुत्ते की तरह गली मोहल्लों में उच्च शिक्षा के नामपर ठग बैठे है। सबसे पहले तो प्रशासन की यह जिम्मेदारी है कि वह इस प्रकार के संस्थानों के विरूद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही करें। वही जो छात्र डिस्टेंसएजुकेशन के माध्यम से पढ़ाई करना चाहता है वह एडमिशन लेने से पहले उस संस्थान के बारे में यह सुनिश्चित कर ले कि वह डीईबी(डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो) से मान्यता प्राप्त है या नही। यदि संस्थान डीईबी से मान्यता प्राप्त है तो एडमिशन ले सकते हैं।

डिस्टेंस लर्निंग के प्रमुख संस्थान
-इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि,दिल्ली
वेबसाइट:www.ignou.ac.in       
 -चौधरी देवीलाल विवि,सिरसा(हरियाणा)
वेबसाइट:www.cdlu.in
-कुरूक्षेत्र विवि,कुरूक्षेत्र
वेबसाइट:www.kuk.ac.in
-महार्षि दयानंद विवि,रोहतक
वेबसाइट:www.mdurohtak.ac.in
-मध्यप्रदेश भोज मुक्त विवि,भोपाल
वेबसाइट:www.bhojvirtualuniversity.com
-उत्तराखंड ओपन विवि,हल्द्वानी
वेबसाइटwww.uou.ac.in